मोदी विश्वविद्यालय के कला , विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा दिनांक १४/०९/२०१६ को हिंदी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। ध्यातव्य है कि संविधान में हिंदी को राज भाषा का दर्जा प्राप्त है। हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष १४ सितम्बर को मनाया जाता है। १४ सितंबर १९४९ को संविधान सभा ने एक मत से यह निर्णय लिया कि हिन्दी ही भारत की राजभाषा होगी। इसी महत्वपूर्ण निर्णय के महत्व को प्रतिपादित करने तथा हिन्दी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिये राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर सन् १९५३ से संपूर्ण भारत में १४ सितंबर को प्रतिवर्ष हिन्दी-दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी महत्व को अपने दैनिक जीवन में स्थान प्रदान करने हेतु विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा इस दिवस को आयोजित करने एवं मनाने का निर्णय लिया गया। समारोह में विश्विद्यालय की छात्राओं नें अत्यन्त उत्साह के साथ भागीदारी की। कार्यक्रम के अन्तर्गत छात्राओं नें स्वरचित कविता पाठ, भाषण , एवं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से हिंदी के महत्व एवं हिंदी दिवस मनाने की उपयोगिता पर अपने विचार प्रकट किये। नुक्कड़ नाटक के जरिये छात्राओं ने इस तथ्य पर प्रकाश डालने की कोशिश कि आजकल हमारे जीवन में अंग्रेजी का इतना समावेश हो गया है कि हम हिंदी के शब्दों को भूलते जा रहे हैं । ना तो हमें हिंदी के शब्दों का सही ज्ञान है ना ही हमें अंग्रेजी का सही ज्ञान प्राप्त हो रहा है। अंग्रेजी को हम अपने दैनिक जीवन में इस तरह से अधिकाधिक स्थान प्रदान करते जा रहे हैं कि हिंदी अपने ही घर में उपेक्षित हो कर रह गई है और आज इसका वजूद खतरे में है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय के शिक्षकों नें भी स्वरचित कविताओं के माध्यम से हिदी की शक्ति का परिचय करवाया। इस अवसर पर अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक सिंह राव एवं अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के सहायक प्राध्यापक डॉ महेश शर्मा ने स्वरचित कविताओं के माध्यम से हिंदी की संचार शक्ति पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कला, विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ अमित मुख़र्जी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने छात्राओं को हिंदी को अपने दैनिक जीवन में अधिकाधिक प्रयोग करने की सलाह दी